Saturday, December 21आदिवासी आवाज़

Month: October 2023

चन्दनक्यारी के झालबरदा में दिखा छोटा शावक

चन्दनक्यारी के झालबरदा में दिखा छोटा शावक

Breaking News, आदिवासी, झारखण्ड
  चास (Bokaro) : चन्दनक्यारी के झालबरदा जंगल में रविवार की रात को दो तेंदआ देखा गया. जिसके बाद पूरे इलाके में दहशत का माहौल बन गया. इलाके के लोगों ने पहली बार आदमखोर पशु को ग्रामीणों ने देखा हैं. जिसमें एक शावक भी है. जैसे ही रात में तेंदुवे को देखे जाने की जानकारी बरमसिया पुलिस को मिली, तुरन्त पुलिस ने लोगों को सावधान रहने की चेतावनी दी. रात भर पुलिस इलाके में गश्ती करती रही.   वहीं झालबरदा के डूंगरीटांड जंगल के पास झालबरदा गांव निवासी बबन तिवारी नामक एक व्यक्ति बाजार से खरीदारी कर घर लौट रहा था. उसी दौरान जंगल के रास्ते में दो तेंदुआ पर उनकी नजर पड़ी, तो तेंदुवे को देखकर उनके होश उड़ गए. उस वक्त अपने गांव न जाकर वापस बरमसिया लौट गए. जहां पर लोगों को जानकारी दी. साथ ही अपने गांव वालों को भी सतर्क रहने को कहा. बताया जाता है कि पुरुलिया के कोटशिला वन क्षेत्र से सिमनी जंग...
रांची में 20 अक्टूबर से भारी वाहनों का प्रवेश चार दिनों के लिए बंद

रांची में 20 अक्टूबर से भारी वाहनों का प्रवेश चार दिनों के लिए बंद

Breaking News, झारखण्ड
  - मेन रोड में शाम चार बजे से अगले दिन सुबह चार बजे तक छोटे वाहनों का प्रवेश वर्जित रहेगा। रांची : दुर्गा पूजा में होने वाली भीड़-भाड़ को देखते हुए शहर की ट्रैफिक व्यवस्था में बदलाव किया जाएगा। शहर में 20 अक्टूबर से भारी वाहनों का प्रवेश चार दिनों के लिए बंद रहेगा। वहीं मेन रोड में शाम चार बजे से अगले दिन सुबह चार बजे तक छोटे वाहनों का प्रवेश वर्जित रहेगा। शाम चार से सुबह चार बजे तक न्यू मार्केट चौक से किशोरगंज चौक तक छोटे वाहन नहीं जा सकेंगे। पिस्का मोड़ से हजारीबाग रोड की ओर जानेवाली बड़ी गाड़ियां तिलता चौक, रिंग रोड, लॉ यूनिवर्सिटी होकर जा सकेंगी। हजारीबाग रोड से लातेहार, पलामू, गढ़वा की ओर जानेवाली गाड़ियां रिंग रोड, तिलता चौक होते हुए जाएंगी। खूंटी की ओर से आनेवाले बड़े वाहन रिंग रोड होते हुए हजारीबाग की ओर जा सकेंगे। जमशेदपुर से आनेवाले भारी वाहनों का भी परिचालन रिंग रोड से होगा।...
सुरक्षाबलों के लिए लगाए गए 9 सिलेंडर बम को किया गया डिफ्यूज

सुरक्षाबलों के लिए लगाए गए 9 सिलेंडर बम को किया गया डिफ्यूज

आदिवासी, झारखण्ड, राजनीति
लातेहार: एसपी को मिली गुप्त सूचना पर जिला पुलिस और सीआरपीएफ के द्वारा संयुक्त रूप से छापेमारी अभियान चलाकर बूढ़ा पहाड़ की तलहटी में बसे लाटू जंगल में 9 सिलेंडर बम को डिफ्यूज कर दिया है. एसपी अंजनी अंजन की सटीक सूचना तंत्र ने एक बार फिर से नक्सलियों के मंसूबे को ध्वस्त कर दिया. लातेहार एसपी अंजनी अंजन को गुप्त सूचना मिली थी कि बूढ़ा पहाड़ की तलहटी में बसे लाटू जंगल के आसपास नक्सलियों के द्वारा सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने को लेकर बड़ी संख्या में सिलेंडर बम लगाए गए हैं. इस सूचना के बाद सीआरपीएफ 218 बटालियन और जिला पुलिस के द्वारा संयुक्त रूप से जंगल में छापेमारी अभियान चलाया.सर्च अभियान के दौरान जंगल में छिपा कर रखे गए 9 सिलेंडर बम बरामद किए गए. बाद में सभी सिलेंडर बम को जंगल में ही बम निरोधक दस्ते के द्वारा डिफ्यूज कर दिया गया. हालांकि पुलिस और सुरक्षाबलों के द्वारा अभी भी इलाके में ...
विकास परिषद ने किया प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन

विकास परिषद ने किया प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन

Breaking News, झारखण्ड
बोकारो ः भारत विकास परिषद, बोकारो दक्षिण शाखा की ओर से रविवार को शाखा स्तरीय भारत को जानो नामक एक अंतर विद्यालय प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। नगर के सेक्टर 5 स्थित आई.एम.ए हॉल में आयोजित इस प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को अपने गौरवशाली भारत के गौरवशाली इतिहास, सामान्य ज्ञान, महापुरुषों की गाथा आदि से विद्यार्थियों को अवगत कराना था। बताया गया कि कुछ षड्यंत्रकारी ताकतों द्वारा भारत के गौरवशाली इतिहास को धीरे-धीरे धूमिल किया जा चुका है, जिसकी वजह से आज कल के बच्चों में भारतीय होने की एक हीन भावना विकसित हो गई है और इसी हीन भावना को बच्चों के मन से निकलना इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है। प्रश्नोत्तरी में कनिष्ठ वर्ग (कक्षा 6 से 8 तक) एवं वरिष्ठ वर्ग (कक्षा 9 से 12 तक) के विद्यार्थियों ने भाग लिया। भारत से संबंधित प्रश्नों को पांच वर्गों में विभाजित कर बच्चो...
राजेश की खोरठा कविता – ‘देसी सिकच्छा: अंगरेजी’

राजेश की खोरठा कविता – ‘देसी सिकच्छा: अंगरेजी’

आदिवासी साहित्य
वर्ष 1999 में "आवाज" 2001 में प्रभात खबर रांची और बिहार ऑब्जर्वर धनबाद में प्रकाशित देसी सिकच्छा: अंगरेजी' (एक व्यंग कविता) अंगरेज जाइ चुकल हइ मेंतुक, अंगरेजी पढ़ाइ गेलक रटाइ रटाइ के हमरा मातरीभासा छोड़ाइ गेलक। 'जुग बदलेक फेरें हाम आइज होस भुलाइ रहल हों सिसु मंदिरेक जघइएं रोज "पब्लिक स्कूल" खोइल रहल हों। असतर भले हेंठ होवे मेंतुक नाँव - हेवेन, पब्लिक, गार्डेन, सेन्चुरी, लेंकें काज टिचर से कि देवेक ओकर मजूरी ? तिआइग के आस वेतन के आवे टीचर करेले काम पढवे हइ त- गीदर- बु"तरुक 'सिटी' मानें बाजा, रैट माने दाम । रफ्तार जदि एहे रहले, त. देस तरक्की' क़र जेते सिकच्छा जगतें भारत नॉव पहिल पांति गिनाइ जेते।।...
राजेश की खोरठा कविता – ‘हाम के हों ?’

राजेश की खोरठा कविता – ‘हाम के हों ?’

आदिवासी साहित्य
वर्ष 2001 में "आवाज" धनबाद एवं "बिहार ऑब्जर्वर" धनबाद में प्रकाशित कविता "हाम के हों ?" हाम के हों ? कहाँ से आइल हो ? काहे आइल हौं ? हामर मनेक भीतरीया केवाइर जखन खुइल जाहे आर, हाम सोंचें लागों हों, तखन, हामर मनें एक हुल उठे हे कि हाम के हों ? कहाँ से आइल हों ? काहे आइलू हो ? के भेजल हे ? काहे भेजल है ? सवालें - सवाल उठल परें हाम ओरझराइ जा हों। कोइ आइकें नाञ् बतवे हामर मनेक उठल सवालेक जवाब तखन, हामर मने एक विचार आवे हे, कि -? हाम चुनाइल हों, परकीरतिक आस पुरबेक लेल कि आर कुछ लेल ? सोचें हों, मेंतुक- सोझरावेक घुँरोटे, ओरझराई जाहों। जदि कोई कहे - तोंञ् पाइन के एक बूंद हें - समुदरेक हंसी. ढेढा करिहें - ढेव नियर बोलीं मिसरी घोइरकें लोकेक पियास मेंटाइहें जीनगीक दान दइके बढिहें आगु। मेंतुक कोउ - कहे 'बतवे-ओला हवे तब ना ? बस ! आर सहन नाञ् हवे । केउ आइकें समझावे, नाञ् त - हाम एहे पूछते रहबइ कि ...
आदिवासी पत्रकार व आदिवासी पत्रकारिता की आवश्यकता

आदिवासी पत्रकार व आदिवासी पत्रकारिता की आवश्यकता

आदिवासी, विचार
Article by Purnendu Pushpesh आदिवासी पत्रकारिता एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है जो आदिवासी समुदायों की आवाज़ को सुनने और समझने में मदद करता है, और उनकी समस्याओं और उनके साथ हो रही घातक प्रभावों की चर्चा करता है। यहां आदिवासी पत्रकारिता के मुख्य उद्देश्य और आवश्यकताओं की कुछ मुख्य बातें हैं: सत्यता और जानकारी का प्रसारण: आदिवासी पत्रकारों का प्रमुख कार्य असली और सत्यपूर्ण जानकारी को पहुँचाना है, ताकि आदिवासी समुदायों के लोग अपनी समस्याओं को सही समय पर समझ सकें और उनके लिए सही समाधान ढूंढ सकें। समुदाय के अधिकार की सुरक्षा: आदिवासी पत्रकारों का उद्देश्य अपने समुदाय के अधिकारों की सुरक्षा करना और उन्हें उनके विरुद्ध हो रही उलझनों से समर्थन प्रदान करना होता है। भ्रष्टाचार और अन्य दुर्भावनाओं का पर्दाफाश: पत्रकारिता के माध्यम से आदिवासी समुदायों के बीच में हो रहे भ्रष्टाचार और अन्य दुर्भावनाओं का प...
हाथ की नस काटकर युवती ने की आत्महत्या

हाथ की नस काटकर युवती ने की आत्महत्या

झारखण्ड
बोकारो ! जरीडीह थाना क्षेत्र के गायछनदा पंचायत के तीरो गांव के लंगटा टांड में एक युवती ने प्रेम प्रसंग के चक्कर में हाथ का नस काटकर आत्महत्या कर ली. मिली जानकारी के अनुसार लंगटा टांड निवासी रुपलाल सिंह की 23 वर्षीय पुत्री पिंकी कुमारी ने बीते 5 अक्टूबर की रात खाना खाने के बाद छत पर गई और उसने धारदार हथियार से अपनी बाई हाथ की नस काट ली. नस काटने के बाद वह चुपचाप अपने बिस्तर में आकर सो गई. सुबह जब बेटी के कमरे में उसकी मां गई तो पूरा बिस्तर खून से लथपथ था. उसे जगाने की कोशिश की गई, परंतु तब तक वह मर चुकी थी. आनंद फानन में घर वाले मृतिका के दाह संस्कार की तैयारी कर रहे थे. इसी बीच स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों ने घटना की सूचना जरीडीह पुलिस को दे दी. घटना के बाद ग्रामीणों की भीड़ जुट गई. उक्त घटना की सूचना के बाद शुक्रवार सुबह जरीडीह पुलिस बल के साथ लंगटा टांड पहुंची और शव को कब्जे में लेक...
राजेश की खोरठा कविता – नारी

राजेश की खोरठा कविता – नारी

आदिवासी साहित्य
आकाशवाणी हजारीबाग से प्रसारित (25 अगस्त 1998)   "नारी" "आँचल में है दूध आंखों में पानी"पढ़ल हों-तोर तियाग, सेवा आर बलिदानेक निसानीनारी तोर एहे कहानी। तो ममताक मूरती हेंमानुसेक हें तोय माँइमेंतुक तोर सेवा नाय करे परानीनारी तोर एहे कहोनी । कोनो दिन तो माँइ बनइकेंगीदर -बुतरुक गीत सुनवाईकोनो दिन संगिनी बइनकें.मरद के तोंय मन जुड़वलेतोंय मानुसेक भुख मेंटवईसहइकें आपन गोटे हानिकि नारी तोर एहे कहानी ? ममता तोरा में भर जाहे जबबरिसावेइं घर मे अमरित तबू ।सनेह आर "आदर्श" बाहाइकेंघर के बनव हैं सरग तब | तोर बिन जीनगी बेकार भइ जाहेतोर बिन उन्नति अथुरा रइह जाहेडहर देखउआ बइनके तोय डहर देखवईकरे जखन लोक मनमानी।कभूं कभूं तोंय बहिन बइनकेंहाथें राखी पहिरावेईसइ राखिक लजेक कतनादहेज लोभी कुकुर सेंबचवे पारे है परनी ?दइ-देहें आपन कुरबानी ? सोंच नारी सोंच, अभूं तनी सोंचबनवाई एक लोतन कहानीआपन जाइतेक अमर निसानी। नारी तोर...