
बोकारो : झारखंड के उत्पाद मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने सोमवार को सरकारी दुकानों में शराब बेचने वाली प्लेसमेंट एजेंसियों को स्पष्ट चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि यदि शराब की बिक्री अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) से अधिक दर पर की जाती है, तो इसे गंभीर अनियमितता माना जाएगा और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मंत्री ने कहा, “प्लेसमेंट एजेंसियां सावधान रहें। यदि वे नियमों का उल्लंघन करेंगे, तो हम उनके खिलाफ ‘वाशिंग पाउडर’ लाए हैं, जो विभाग पर लगे हर दाग को मिटा देगा।”
शिकायतों पर कार्रवाई और सतर्कता की अपील
मंत्री ने जनता की शिकायतों पर विभाग की तत्परता का भरोसा दिया और कहा कि MRP से अधिक दर पर शराब बेचना जनसामान्य के साथ धोखा है। उन्होंने प्लेसमेंट एजेंसियों को आगाह करते हुए कहा कि वे ऐसी गतिविधियों से बचें।
निजी कंपनियों के साथ शराब बिक्री पर पुनर्विचार
शराब बिक्री को फिर से निजी कंपनियों के हाथों में देने की संभावना पर मंत्री ने कहा कि यह एक नीति-निर्णय (Policy Decision) है। यदि निजी कंपनियां सरकार को 3,500-4,000 करोड़ रुपये का राजस्व देने का प्रस्ताव देती हैं, तो इस पर विचार किया जाएगा। वर्तमान में, उत्पाद विभाग 2,700 करोड़ रुपये की वार्षिक आय कर रहा है, जिसे अगले वित्तीय वर्ष में 3,000 करोड़ रुपये तक बढ़ाने की योजना है।
पश्चिम बंगाल से सस्ते शराब आयात पर नियंत्रण
झारखंड की पश्चिम बंगाल के साथ साझा सीमा के कारण बंगाल से सस्ती शराब आयात की समस्या पर मंत्री ने कहा कि राज्य ‘ट्रैक और ट्रेस’ सिस्टम लागू करेगा। यह प्रणाली बाहरी शराब के झारखंड में अवैध प्रवेश को रोकने में सहायक होगी।
स्थानीय शराब की बिक्री को बढ़ावा देने का प्रयास
मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार स्थानीय स्तर पर उत्पादित शराब की बिक्री को बढ़ावा देने की योजना बना रही है। इससे न केवल राजस्व में वृद्धि होगी, बल्कि राज्य की आर्थिक संरचना भी मजबूत होगी।
कड़ी निगरानी और नीति में बदलाव की तैयारी
मंत्री ने बताया कि उत्पाद विभाग ने एक सतर्कता टीम बनाई है, जो राज्य मुख्यालय में तैयार मोड पर रहेगी। किसी भी अनियमितता की सूचना मिलने पर यह टीम तुरंत कार्रवाई करेगी।
मंत्री ने जनता से अपील की कि वे शराब बिक्री में किसी भी गड़बड़ी की सूचना विभाग को दें। उन्होंने कहा, “हमारे नवाचार और सख्त नीतियों से झारखंड के राजस्व में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी और अनियमितताओं पर लगाम लगाई जाएगी।”