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वैज्ञानिक नवाचार मामले में डीपीएस बोकारो बना झारखंड का पहला सेंटर आफ एक्सीलेंस

NAGADA : The Adiwasi Media

  • अब अपने स्कूल में ही एआई और रोबोटिक्स का गहन अध्ययन कर सकेंगे विद्यार्थी

– वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान विभाग, भारत सरकार के ‘कैम्प’ के तहत मिली राष्ट्रीय ख्याति

बोकारो। शैक्षणिक उत्कृष्टता एवं विद्यार्थियों में वैज्ञानिक नवाचार को प्रोत्साहित करने की दिशा में दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) बोकारो का प्रयास एक बार पुनः रंग लाया है। विद्यालय को नॉलेज एंड अवेयरनेस मैपिंग प्लेटफॉर्म (कैम्प) का उत्कृष्टता केन्द्र (सेंटर आफ एक्सीलेंस) बनाया गया है। डीपीएस बोकारो यह उपलब्धि अर्जित करने वाला झारखंड का पहला विद्यालय बन गया है। वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान विभाग, भारत सरकार के अंतर्गत सीएसआईआर (काउंसिल फॉर साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च) तथा एनआईएसपीआर (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस कम्युनिकेशन पॉलिसी रिसर्च) की महत्वपूर्ण पहल कैम्प (नॉलेज एंड अवेयरनेस मैपिंग प्लेटफॉर्म) के तहत होनेवाली परीक्षाओं में इस विद्यालय से विद्यार्थियों की उत्कृष्ट सफलता व वैज्ञानिक क्षमता को देखते हुए विभागीय स्तर पर इसे सीओई (सेंटर ऑफ एक्सीलेंस) के रूप में मान्यता दी गई है। विदित हो कि ‘कैम्प’ में पूरे झारखंड में डीपीएस बोकारो से सर्वाधिक सक्रिय भागीदारी रही है और लगातार दो वर्षों से इसी स्कूल के विद्यार्थी पूरे राज्य में अव्वल स्थान प्राप्त कर रहे हैं। इस वर्ष जहां विद्यालय की छात्रा अंकिता साक्षी स्टेट टॉपर रहीं, वहीं विगत वर्ष छात्र कृष क्रेजिया ने झारखंड में अव्वल स्थान प्राप्त किया था।

विद्यालय के प्राचार्य डॉ. ए एस गंगवार ने डीपीएस बोकारो को उत्कृष्टता केन्द्र बनाया जाना न केवल बोकारो, बल्कि पूरे राज्य के लिए एक गर्व का विषय बताया। उक्त संदर्भ में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि उत्कृष्टता केन्द्र बनाए जाने से अब यहां के विद्यार्थी अपने विद्यालय में ही एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और रोबोटिक्स के गुर सीखकर अपनी वैज्ञानिक प्रतिभा निखार सकेंगे। केंद्र को कैम्प की ओर से इसके लिए तमाम आवश्यक उपकरण मुहैया कराए गए हैं तथा विद्यालय में विशेष लैब भी स्थापित किया गया है। डॉ. गंगवार ने इसे एक बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि सीओई के माध्यम से कोडिंग, एआई और रोबोटिक्स लैब, विद्यार्थियों के लिए वैज्ञानिक भ्रमण, कार्यशालाएं, लाइव व्याख्यान और प्रशिक्षण सत्र, विभिन्न कार्यक्रम व प्रतियोगिताएं, शिक्षकों के लिए निरंतर व्यावसायिक विकास (सीपीडी) कार्यक्रम संबंधी सेवाएं दी जाएंगी।

विज्ञान-प्रौद्योगिकी में भारत वैश्विक नेता बनाना उद्देश्य : डॉ. गंगवार
प्राचार्य डॉ. गंगवार ने कहा कि सीओई के उद्देश्य काफी महत्वपूर्ण हैं। इसके उद्देश्यों में छात्रों में गणितीय सोच और वैज्ञानिक मानसिकता के विकास को प्रोत्साहित करना, स्कूलों और वैज्ञानिक समुदाय के बीच की खाई को पाटने के अवसर प्रदान करना, अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों की प्रासंगिकता और प्रभाव को रोजमर्रा की जिंदगी में शामिल करना, छात्रों की रचनात्मक, खोजपूर्ण और आविष्कारशील क्षमता पोषित करने वाला वातावरण तैयार करना, स्वस्थ प्रतिस्पर्द्धा को बढ़ावा देना, छात्र-छात्राओं, शिक्षकों और समाज के समग्र विकास के लिए अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करना तथा प्रगतिशील शिक्षकों के एक राष्ट्रीय स्तर के समुदाय का निर्माण करना शामिल है, जिससे कि विज्ञान, प्रौद्योगिकी और मानविकी के क्षेत्र में भारत एक वैश्विक नेता के रूप में अपना योगदान दे सके। इसके तहत समकालीन तकनीकी परिदृश्य में कोडिंग, एआई और रोबोटिक्स में व्यावहारिक अनुभव के साथ विद्यार्थियों का कौशल-विकास काफी महत्वपूर्ण है।

एसडीओ ने भी बताई सराहनीय उपलब्धि
डीपीएस बोकारो में झारखंड का प्रथम कैम्प- सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किए जाने की चास के अनुमंडल पदाधिकारी ओमप्रकाश गुप्ता ने भी सराहना की है। हाल ही में छात्र परिषद के शपथ-ग्रहण समारोह में पहुंचे एसडीओ श्री गुप्ता ने सेंटर का जायजा लिया। उन्होंने उन्नत तकनीकी संसाधनों की जानकारी ली और बच्चों ने उन्हें एआई और रोबोटिक्स से तैयार विभिन्न चलंत मॉडल भी दिखाए। उन्होंने इसे वैज्ञानिक नवोन्मेषता के विकास में इसे महत्वपूर्ण बताया।