Saturday, April 5आदिवासी आवाज़

झारखण्ड

गंदे शौचालय के खिलाफ स्कूली छात्रों ने खोला मोर्चा, किया सड़क जाम

गंदे शौचालय के खिलाफ स्कूली छात्रों ने खोला मोर्चा, किया सड़क जाम

आदिवासी, झारखण्ड
  गिरिडीह। जिले के पीरटांड़ प्रखंड अंतर्गत खुखरा पंचायत के प्लस टू उच्च विद्यालय बरियारपुर के बच्चे गुरुवार को आक्रोशित दिखे. बच्चों ने बीच सड़क पर उतरकर अपना गुस्सा जाहिर किया और चिरकी-पलमा सड़क को जाम कर दिया. बाद में शिक्षक और अभिभावक मौके पर पहुंचे और बच्चों को मनाने की काफी कोशिश की गई. बच्चों को कहा गया कि सभी समस्याओं का समाधान कर दिया जाएगा, जिसके बाद बच्चे वापस क्लास में चले गये. प्लस टू हाई स्कूल बरियारपुर में शौचालय की समुचित व्यवस्था नहीं है. शौचालय गंदगी से भरा पड़ा है. इससे सबसे ज्यादा परेशानी लड़कियों को हो रही है. इस समस्या के समाधान के लिए कई बार मांग की गई, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है. बार-बार अनुरोध करने के बाद भी कोई समाधान नहीं निकला तो गुरुवार की सुबह प्रार्थना के बाद बच्चे हाथों में तख्तियां लेकर सड़कों पर उतर आये. बच्चे शौचालय की सफाई के साथ-साथ जल्द...
ED के समन के खिलाफ सीएम हेमंत की याचिका पर हाईकोर्ट में 6अक्टूबर को सुनवाई

ED के समन के खिलाफ सीएम हेमंत की याचिका पर हाईकोर्ट में 6अक्टूबर को सुनवाई

झारखण्ड, राजनीति
रांची: रांची जमीन घोटाला केस में ईडी द्वारा जारी समन के खिलाफ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में 6 अक्टूबर को सुनवाई होगी। सीएम हेमंत ने हाईकोर्ट से मामले में जल्द सुनवाई का आग्रह किया था। मामले में ईडी सीेएम हेमंत को 5 समन जारी कर चुकी है लेकिन वह ई़डी ऑफिस में हाजिर नहीं हुए। मुख्यमंत्री ने इससे पहले तीसरे समन के बाद सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था लेकिन उन्हें हाईकोर्ट जाने को कहा गया। बता दें कि आज मुख्यमंत्री को ईडी ऑफिस में पेश होना था लेकिन वह मेधा डेयरी का उद्घाटन करने पलामू गए। इसके बाद शाम को खबर आई कि बुधवार को सीएम हेमंत के अधिवक्ता ने ईडी के निदेशक देवव्रत झा को चिट्ठी लिखी। कहा कि मुख्यमंत्री कानून मानने वाले व्यक्ति हैं। समन के खिलाफ हाईकोर्ट में दाखिल याचिका पर सुनवाई होनी है। हाईकोर्ट का फैसला आने तक कोई कार्रवाई ना की जाए। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन...
मुख्य मंत्री हेमंत सोरेन का होटवार जेल कर रहा इंतजार : बाबूलाल मरांडी

मुख्य मंत्री हेमंत सोरेन का होटवार जेल कर रहा इंतजार : बाबूलाल मरांडी

झारखण्ड, राजनीति
छत्तरपुर: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने आज अपनी 56वीं संकल्प सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर बड़ा हमला बोला। श्री मरांडी आज पूर्वाह्न में छत्तरपुर विधानसभा क्षेत्र की संकल्प सभा को संबोधित कर रहे थे। श्री मरांडी ने कहा कि शिबू सोरेन के बेटा हैं,हम किसी से डरते नहीं। हेमंत है तो हिम्मत है,सब नारे निरर्थक साबित हुए। आज मुख्यमंत्री को लूट और भ्रष्टाचार पर पूछने केलिए ईडी बार बार बुला रही और हेमंत सोरेन भागे भागे फिर रहे। उन्होंने कहा कि लाख भाग दौड़ कर लें लेकिन होटवार जेल का कमरा उनकी बेसब्री से इंतजार कर रहा। कई साथी सहयोगी पहले से वहां पहुंच चुके हैं। उन्होंने कहा कि राज्य की बागडोर जनता ने उन्हें लूटने केलिए नही दिया था।लेकिन आज राज्य में कोयला,बालू,पत्थर,लोहा सबकी लूट मची है। हेमंत सोरेन और उनका परिवार स्वयं जमीन की लूट में शामिल है।नाम...
झारखंड में आदिवासियों के साथ राजनीति

झारखंड में आदिवासियों के साथ राजनीति

आदिवासी, झारखण्ड, विचार
Article by Purnendu Pushpesh झारखंड में राजनीति और आदिवासी समुदायों के बीच संबंध जटिल हैं और पिछले कुछ वर्षों में विकसित हुए हैं। झारखंड में एक महत्वपूर्ण आदिवासी आबादी है, और उनकी राजनीतिक भागीदारी और मुद्दे राज्य के राजनीतिक परिदृश्य में बहुत महत्वपूर्ण हैं। झारखंड में आदिवासी समुदायों से जुड़ी राजनीति के संबंध में कुछ प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं: जनजातीय प्रतिनिधित्व: झारखंड में जनजातीय समुदायों के लिए राजनीतिक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए आरक्षण प्रणाली लागू है। राज्य विधान सभा और संसद में कुछ प्रतिशत सीटें अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के लिए आरक्षित हैं। इससे आदिवासी नेताओं और प्रतिनिधियों को राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का मौका मिला है। आदिवासी राजनीतिक दल: झारखंड में कई राजनीतिक दल हैं जो मुख्य रूप से आदिवासी मुद्दों पर केंद्रित हैं और आदिवासी नेता सबसे आ...
झारखंड में जनजातियाँ, आदिवासियों की समस्याएँ और उनका समाधान

झारखंड में जनजातियाँ, आदिवासियों की समस्याएँ और उनका समाधान

आदिवासी, झारखण्ड, विचार
Article by Purnendu Pushpesh भारत के कई अन्य हिस्सों की तरह झारखंड में भी जनजातीय समुदायों को कई प्रकार की सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। उनकी समस्याओं को समझना और उनके सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संदर्भों का सम्मान करते हुए समाधान की दिशा में काम करना महत्वपूर्ण है। झारखंड में जनजातीय समुदायों द्वारा सामना किए जाने वाले कुछ प्रमुख मुद्दे और संभावित समाधानों में शामिल हैं: भूमि अधिकार एवं विस्थापन: समस्या: औद्योगीकरण, खनन और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के कारण जनजातीय समुदायों को अक्सर भूमि हस्तांतरण का सामना करना पड़ता है। इसके परिणामस्वरूप विस्थापन और आजीविका का नुकसान होता है।उपाय: जनजातीय भूमि अधिकारों की रक्षा करने वाले कानूनों को लागू करना और मजबूत करना, जनजातीय भूमि पर किसी भी विकास परियोजना से पहले स्वतंत्र, पूर्व और सूचित सहमति सुनिश्चित करना और उचित म...