Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the ads-for-wp domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in C:\inetpub\vhosts\rashtriyamukhyadhara.com\nagada.co.in\wp-includes\functions.php on line 6121

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the viral domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in C:\inetpub\vhosts\rashtriyamukhyadhara.com\nagada.co.in\wp-includes\functions.php on line 6121
admin, Author at Nagada - Page 15 of 18
Friday, April 18आदिवासी आवाज़

Author: admin

WJAI का कई स्तरों पर विस्तार…मधुप मणि पिक्कू बने राष्ट्रीय सचिव, कई सदस्यों को मिली नई जिम्मेवारियां…

WJAI का कई स्तरों पर विस्तार…मधुप मणि पिक्कू बने राष्ट्रीय सचिव, कई सदस्यों को मिली नई जिम्मेवारियां…

Breaking News, देश
मधुप मणि पिक्कू राष्ट्रीय सचिव सह बिहार प्रभारी बनाए गए, अकबर इमाम कार्यालय सचिव, रविशंकर शर्मा व चन्दन राज राष्ट्रीय संयुक्त सचिव बनाये गए... संस्था में दर्जन भर से अधिक नए सदस्य जोड़े गए... पटना : वेब जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन आफ इण्डिया (डब्ल्यू जे ए आई) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की विस्तृत बैठक में संगठन का कई स्तरों पर विस्तार किया गया. कई सदस्यों को नई जिम्मेवारी दी गई तो, कई नए पद सृजित कर भी सदस्यों को जिम्मेवारी सौंपी गई ताकि संगठन का कार्य सुचारू रूप से चल सके. दर्जन भर से अधिक नए सदस्य भी मौके पर ही एसोसिएशन में जोड़े गए. डब्ल्यू जे ए आई के राष्ट्रीय अध्यक्ष आनन्द कौशल की अध्यक्षता और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ.लीना व तकनीकी समिति के अध्यक्ष लव सिंह की मौजूदगी में आज शनिवार को होटल मैत्रेय इन में यह बैठक संपन्न हुई। मधुप मणि पिक्कू को राष्ट्रीय सचिव, (बिहार प्रभारी) क...
केंद्रीय सरना समिति ने समीर उरांव को लोहरदगा लोकसभा भाजपा प्रत्याशी बनने पर दी बधाई

केंद्रीय सरना समिति ने समीर उरांव को लोहरदगा लोकसभा भाजपा प्रत्याशी बनने पर दी बधाई

Breaking News, आदिवासी, आदिवासी संस्कार, झारखण्ड, राजनीति
रांची : शुक्रवार को केंद्रीय सरना समिति के प्रतिनिधि मंडल अध्यक्ष बबलू मुंडा के अगुवाई में अगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा के लोहरदगा लोकसभा के प्रत्याशी एवं राज्यसभा के पूर्व सांसद समीर उरांव से रांची स्थित आवास में मुलाकात कर लोहरदगा लोकसभा के प्रत्याशी बनाए जाने पर सरना अंग वस्त्र एवं पुष्पगुच्छ भेंट कर उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएं दी गई। केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष बबलू मुंडा ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा झारखंड के सभी सीटों पर जबरदस्त अंतर जीत हासिल करेगी। पूरे देश के आदिवासियों को देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भरोसा एवं विसवास है। झारखंड के आदिवासी एवं मूलवासी समाज झारखंड लोकसभा के सभी सीट जिताकर भाजपा के झोली में देगी। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से सिसई विधानसभा के पूर्व विधायक शिव शंकर उरांव, केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष बबलू मुंडा, मुख्य पहान जगलाल पहा...
रैयतों के विरोध से ईएसएल कर्मचारियों को व्यक्तिगत परेशानी, प्लांट की सुरक्षा पर पड़ रहा है प्रभाव 

रैयतों के विरोध से ईएसएल कर्मचारियों को व्यक्तिगत परेशानी, प्लांट की सुरक्षा पर पड़ रहा है प्रभाव 

Breaking News, आदिवासी, झारखण्ड
* प्रदर्शनकारियों द्वारा रोज़गार के लिए की जा रही आंदोलन से ईएसएल संयंत्र की आवाजाही बाधित हुई * ई एस एल स्टील ने वित्त वर्ष 2023-24 में 779 रोजगार प्रदान किए हैं, जिनमें से 117 उन रैयतों को मिली जिन्होंने अपनी जमीन दी * नवंबर आंदोलन के समझौते के बाद ईएसएल स्टील ने स्थानीय निवासियों को 317 रोजगार उपलब्ध कराए हैं बोकारो; 15 मार्च, 2024: कल ईएसएल स्टील लिमिटेड में नौकरी के अवसरों की तलाश कर रहे लगभग 65 से 70 स्थानीय ग्रामीणों ने जोरदार रणनीति का सहारा लिया और अलकुसा मोड़ के पास प्लांट परिसर की यात्रा को बाधित कर दिया। ये ग्रामीण दावा कर रहे थे कि वे रैयत हैं जिन्हें अपनी जमीन बेचने के बाद भी अभी तक रोजगार नहीं मिला है। परिणामस्वरूप, बसों, चार पहिया वाहनों या दोपहिया वाहनों से प्लांट की ओर जाने वाले लगभग 300 कर्मचारी फंस गए और ढाई घंटे से अधिक समय तक इसमें प्रवेश नहीं कर सके और ग्रामीण...
ईएसएल स्टील लिमिटेड के सियालजोरी प्लांट परिसर में वार्षिक रक्तदान शिविर का आयोजन

ईएसएल स्टील लिमिटेड के सियालजोरी प्लांट परिसर में वार्षिक रक्तदान शिविर का आयोजन

Breaking News, झारखण्ड
• भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी, बोकारो ने ईएसएल स्टील लिमिटेड को बोकारो जिले में सबसे अधिक रक्तदान करने वाली संस्था के रूप में प्रमाणित किया है। • ईएसएल स्टील लिमिटेड के कर्मचारी स्वैच्छिक पहल ’वी फॉर सोसाइटी’के तत्वावधान में रक्तदान शिविर शुरू किया गया • ’वी फॉर सोसाइटी’के अलावा यह शिविर इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी, बोकारो और ईएसएल स्टील लिमिटेड के परियोजना कार्यान्वयन भागीदार सिटीजन्स फाउंडेशन के संयुक्त सहयोग से था। • स्वैच्छिक रक्तदान में संयंत्र में कार्यबल के सभी वर्गों - श्रमिकों, तकनीशियनों, अधिकारियों, व्यापार भागीदारों और प्रबंधन कर्मचारियों की भागीदारी देखी गई। बोकारो; 13 मार्च, 2024: वेदांता समूह की कंपनी और भारत में अग्रणी एकीकृत इस्पात उत्पादक ईएसएल स्टील लिमिटेड ने सामाजिक और सामुदायिक विकास के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता जारी रखी है। विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सरकार...
ऑर्गेनिक खेती के क्षेत्र में भूली के रवि कुमार निषाद ने बनाया कीर्तिमान

ऑर्गेनिक खेती के क्षेत्र में भूली के रवि कुमार निषाद ने बनाया कीर्तिमान

झारखण्ड
धनबाद : ऑर्गेनिक खेती के क्षेत्र में भूली के रहने वाले रवि कुमार निषाद ने एक ऐतिहासिक कीर्तिमान स्थापित किया है। उन्होंने अपनी मेहनत और लगन के बदौलत न सिर्फ बंजर जमीनों को खेती करने योग्य बनाया बल्कि फल सब्जी और विभिन्न चीजों का उत्पादन कर लोगों को हैरत में डाल दिया है। श्री निषाद के इस उदार प्रतिभा को देखते हुए उन्हें सर्वोत्तम संस्था आईआईटी एवं आईएसएम के वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने सम्मानित भी किया है। इतना ही नहीं बल्कि श्री निषाद के लगन को देखते हुए नीति आयोग की एक टीम उनके साइट पर पहुंची और कृषि के प्रति उनका लगाओ देखकर टीम के सभी सदस्य काफी प्रभावित हुए। आईआईटी आईएसएम फाउंडेशन के द्वारा डॉक्टर पार्थो ने गेंदा फूलों को देखकर इतनी प्रसन्न हुए कि उन्होंने गेंदा फूलों का एक वर्कशॉप कराया। इस अवसर पर उनके सहयोगी रिसर्चर डॉ अनंत कृष्ण ने इन फूलों से अपने लैब में गेंदा फूल का इनसेंस ऑयल बनाया।...
आदिवासी समाज को सीखना होगा ‘आदिवासियत’ और ‘आधुनिकता’ में संतुलन बनाना

आदिवासी समाज को सीखना होगा ‘आदिवासियत’ और ‘आधुनिकता’ में संतुलन बनाना

Breaking News, आदिवासी, आदिवासी संस्कार, विचार
अनेक मंच और विश्व पटल पर जब भी किसी आदिवासी समाज की बात होती है तो अमूमन एक जंगल में निवास करने वाला और विचित्र वेशभूषा के साथ अपने त्वचा को रंगा एक छवि प्रस्तुत की जाती है। 21 वीं शताब्दी में भी विशाल जनमानस आदिवासी को जंगली ही मानते हैं। परिवर्तन एक अटूट सत्य है और जब सभी समाजों में परिवर्तन हुआ है, तो आदिवासी समाज में भी परिवर्तन क्यों नहीं होना चाहिए? लोग अचंभित होते हैं जब एक आदिवासी ‘वृहद् समाज’ का अंग बनता है। आदिवासी समाज में भी परिवर्तन हुआ है, किंतु वह धीमी गति से हुआ है। इसका एक ठोस वैज्ञानिक कारण है। पुरातत्व मानवशास्त्र में एक विख्यात सिद्धांत है। पुरातन काल में मनुष्य की आवश्यकताएँ सीधे प्रकृति से पूरी होती थी। मनुष्य आवश्यकता अनुरूप प्रकृति से संसाधन प्राप्त करता था। धीरे धीरे यह आवश्यकता पूंजीवाद में बदला और फिर प्रकृति का दोहन अनियंत्रित हो गया। औद्योगिक क्रांति के बाद ...
सरहुल का विज्ञान: प्रकृति का विवाह

सरहुल का विज्ञान: प्रकृति का विवाह

Breaking News, आदिवासी संस्कार
  आदिवासी और प्रकृति पर्यायवाची हैं। आदिवासी समाज को यह भली भाँति पता है कि जब तक प्रकृति का सानिध्य है, उनका अस्तित्व बना हुआ है। प्रकृति का स्वस्थ होना उनके जीवन शैली के स्वस्थ होने का संकेत है। आदिवासी संस्कृति में ऐसे अनेक प्रकार के गतिविधियाँ और क्रियाकलाप हैं जो यह दर्शातेबहै कि प्रकृति उनसे अलग नहीं, अपितु उनके ही जीवन का एक अहम हिस्सा है। आदिवासियों के प्रकृति प्रेम के अनेक गतिविधियों में से सबसे प्रमुख ‘सरहुल’ है। सरहुल झारखंड के आदिवासियों का एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक पर्व है। यह मात्र बसंत ऋतु के आगमन का संकेत नहीं है, जैसा कि अन्य समाज इसे देखते हैं। इस महापर्व के अनुभव के समय जो विधि विधान किए जाते हैं वो अपने आप में बड़ा रोचक और अर्थपूर्ण हैं। जब हम इसे निकट से देखते हैं तो आदिवासी समाज में अंतर्निहित विज्ञान और उनके समृद्ध अवधारणाओं से हमारा परिचय होता है। जो सांस्कृति...
ग्रामीण-आदिवासी छात्रों को अब घर बैठे एआईसीटीई प्लेसमेंट पोर्टल से नौकरी

ग्रामीण-आदिवासी छात्रों को अब घर बैठे एआईसीटीई प्लेसमेंट पोर्टल से नौकरी

Breaking News, आदिवासी, देश
नई दिल्ली। अब ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों के इलाकों में पढ़ने वाले इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, फार्मेसी, आर्किटेक्चर समेत अन्य पाठ्यक्रमों के छात्रों को नौकरी के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों के छात्रों को घर बैठे नौकरी और नियाेक्ता की जानकारी मिलेगी। इसके लिए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने विशेष ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों के तकनीकी कॉलेजों के छात्रों के लिए एआईसीटीई प्लेसमेंट पोर्टल लांच किया है। इसके माध्यम से कंपनियां इन कॉलेजों में जाकर कैंपस प्लेसमेंट करेंगी। खास बात यह है कि पोर्टल लांच के कुछ घंटों में ही 2200 से अधिक सरकारी और मल्टीनेशनल कंपनियों में पंजीकरण कर लिया है। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के अध्यक्ष प्रोफेसर टीजी सीमाराम ने कहा है बड़े शहरों के छात्रों के लिए रोजगार की दिक्कत नहीं आती है। लेकिन ग्रामीण और आदिव...
सुप्रीम कोर्ट बोला-महिला आरक्षण तत्काल लागू कराना मुश्किल

सुप्रीम कोर्ट बोला-महिला आरक्षण तत्काल लागू कराना मुश्किल

Breaking News, देश, राजनीति
पहले लोकसभा-विधानसभा में सीटें रिजर्व होंगी; कांग्रेस नेता ने कहा था- रिजर्वेशन के लिए जनगणना जरूरी नहीं   नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र को महिला आरक्षण कानून (नारी शक्ति वंदन अधिनियम) तत्काल लागू करने का आदेश देना मुश्किल है। कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले महिला आरक्षण लागू कराने की मांग की थी। जया ठाकुर ने अपनी याचिका में महिला आरक्षण कानून से उस हिस्से को हटाने की मांग की, जिसमें इसे जनगणना के बाद लागू करने का बात कही गई है। कांग्रेस नेता ने कहा कि पिछड़े वर्गों को आरक्षण देने के लिए जनगणना की जरूरत होती है। महिला आरक्षण में इसकी क्या जरूरत है? जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एस वी एन भट्टी ने इस पर कहा- जनगणना के अलावा भी कई काम है। सबसे पहले लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए सीटें रिजर्व की जाएंगी। बेंच ने इस मामले...
आरक्षण की आगः राजनीति का आत्म समर्पण….?

आरक्षण की आगः राजनीति का आत्म समर्पण….?

राजनीति, विचार
आज देश के बुजुर्गों की सबसे बड़ी चिंता देश की दिशा को लेकर है, वे समझ नहीं पा रहे है कि आज देश के कथित ‘‘भाग्य विधाता’’ (राजनेता) देश को किस दिशा में ले जाने का प्रयास कर रहे है? सच कहूं तो आज की राजनीति से ‘देशप्रेम’ व ‘जनसेवा’ जैसे भावना का लोप ही हो गया और आज की राजनीति ‘स्वार्थ’ और ‘व्यक्ति निष्ठा’ की पर्याय बन गई है, अब राजनीति का सीधा मतलब ‘सत्ता’ से हो गया है, साथ ही आज की राजनीति का मुख्य ध्येय भी। आज के राजनेताओं को न देशहित से अब कोई दूर का सम्बंध रहा और न ही देशवासियों से? हाँँ, पांच वर्षों में एक बार अपनी राजनीतिक स्वार्थ सिद्धी के लिए जनता के पास जाना पड़ता है और वे अपनी स्वार्थ सिद्धी के बाद शिखर तक पहुंचाने वाली सीढ़ियों को तोड़कर फैंक देते है, किंतु हाँँ, वे शिखर तक पहुंचाने वाली नई-नई सीढ़ियों की तलाश अवश्य जारी रखते है, जिससे वे शिखर पर बने रह सकें? फिर वे सीढ़ियाँँ चाहे कितनी ...