Saturday, December 21आदिवासी आवाज़

Month: November 2023

ऑर्गेनिक खेती के क्षेत्र में भूली के रवि कुमार निषाद ने बनाया कीर्तिमान

ऑर्गेनिक खेती के क्षेत्र में भूली के रवि कुमार निषाद ने बनाया कीर्तिमान

झारखण्ड
धनबाद : ऑर्गेनिक खेती के क्षेत्र में भूली के रहने वाले रवि कुमार निषाद ने एक ऐतिहासिक कीर्तिमान स्थापित किया है। उन्होंने अपनी मेहनत और लगन के बदौलत न सिर्फ बंजर जमीनों को खेती करने योग्य बनाया बल्कि फल सब्जी और विभिन्न चीजों का उत्पादन कर लोगों को हैरत में डाल दिया है। श्री निषाद के इस उदार प्रतिभा को देखते हुए उन्हें सर्वोत्तम संस्था आईआईटी एवं आईएसएम के वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने सम्मानित भी किया है। इतना ही नहीं बल्कि श्री निषाद के लगन को देखते हुए नीति आयोग की एक टीम उनके साइट पर पहुंची और कृषि के प्रति उनका लगाओ देखकर टीम के सभी सदस्य काफी प्रभावित हुए। आईआईटी आईएसएम फाउंडेशन के द्वारा डॉक्टर पार्थो ने गेंदा फूलों को देखकर इतनी प्रसन्न हुए कि उन्होंने गेंदा फूलों का एक वर्कशॉप कराया। इस अवसर पर उनके सहयोगी रिसर्चर डॉ अनंत कृष्ण ने इन फूलों से अपने लैब में गेंदा फूल का इनसेंस ऑयल बनाया।...
आदिवासी समाज को सीखना होगा ‘आदिवासियत’ और ‘आधुनिकता’ में संतुलन बनाना

आदिवासी समाज को सीखना होगा ‘आदिवासियत’ और ‘आधुनिकता’ में संतुलन बनाना

Breaking News, आदिवासी, आदिवासी संस्कार, विचार
अनेक मंच और विश्व पटल पर जब भी किसी आदिवासी समाज की बात होती है तो अमूमन एक जंगल में निवास करने वाला और विचित्र वेशभूषा के साथ अपने त्वचा को रंगा एक छवि प्रस्तुत की जाती है। 21 वीं शताब्दी में भी विशाल जनमानस आदिवासी को जंगली ही मानते हैं। परिवर्तन एक अटूट सत्य है और जब सभी समाजों में परिवर्तन हुआ है, तो आदिवासी समाज में भी परिवर्तन क्यों नहीं होना चाहिए? लोग अचंभित होते हैं जब एक आदिवासी ‘वृहद् समाज’ का अंग बनता है। आदिवासी समाज में भी परिवर्तन हुआ है, किंतु वह धीमी गति से हुआ है। इसका एक ठोस वैज्ञानिक कारण है। पुरातत्व मानवशास्त्र में एक विख्यात सिद्धांत है। पुरातन काल में मनुष्य की आवश्यकताएँ सीधे प्रकृति से पूरी होती थी। मनुष्य आवश्यकता अनुरूप प्रकृति से संसाधन प्राप्त करता था। धीरे धीरे यह आवश्यकता पूंजीवाद में बदला और फिर प्रकृति का दोहन अनियंत्रित हो गया। औद्योगिक क्रांति के बाद ...
सरहुल का विज्ञान: प्रकृति का विवाह

सरहुल का विज्ञान: प्रकृति का विवाह

Breaking News, आदिवासी संस्कार
  आदिवासी और प्रकृति पर्यायवाची हैं। आदिवासी समाज को यह भली भाँति पता है कि जब तक प्रकृति का सानिध्य है, उनका अस्तित्व बना हुआ है। प्रकृति का स्वस्थ होना उनके जीवन शैली के स्वस्थ होने का संकेत है। आदिवासी संस्कृति में ऐसे अनेक प्रकार के गतिविधियाँ और क्रियाकलाप हैं जो यह दर्शातेबहै कि प्रकृति उनसे अलग नहीं, अपितु उनके ही जीवन का एक अहम हिस्सा है। आदिवासियों के प्रकृति प्रेम के अनेक गतिविधियों में से सबसे प्रमुख ‘सरहुल’ है। सरहुल झारखंड के आदिवासियों का एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक पर्व है। यह मात्र बसंत ऋतु के आगमन का संकेत नहीं है, जैसा कि अन्य समाज इसे देखते हैं। इस महापर्व के अनुभव के समय जो विधि विधान किए जाते हैं वो अपने आप में बड़ा रोचक और अर्थपूर्ण हैं। जब हम इसे निकट से देखते हैं तो आदिवासी समाज में अंतर्निहित विज्ञान और उनके समृद्ध अवधारणाओं से हमारा परिचय होता है। जो सांस्कृति...
ग्रामीण-आदिवासी छात्रों को अब घर बैठे एआईसीटीई प्लेसमेंट पोर्टल से नौकरी

ग्रामीण-आदिवासी छात्रों को अब घर बैठे एआईसीटीई प्लेसमेंट पोर्टल से नौकरी

Breaking News, आदिवासी, देश
नई दिल्ली। अब ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों के इलाकों में पढ़ने वाले इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, फार्मेसी, आर्किटेक्चर समेत अन्य पाठ्यक्रमों के छात्रों को नौकरी के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों के छात्रों को घर बैठे नौकरी और नियाेक्ता की जानकारी मिलेगी। इसके लिए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने विशेष ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों के तकनीकी कॉलेजों के छात्रों के लिए एआईसीटीई प्लेसमेंट पोर्टल लांच किया है। इसके माध्यम से कंपनियां इन कॉलेजों में जाकर कैंपस प्लेसमेंट करेंगी। खास बात यह है कि पोर्टल लांच के कुछ घंटों में ही 2200 से अधिक सरकारी और मल्टीनेशनल कंपनियों में पंजीकरण कर लिया है। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के अध्यक्ष प्रोफेसर टीजी सीमाराम ने कहा है बड़े शहरों के छात्रों के लिए रोजगार की दिक्कत नहीं आती है। लेकिन ग्रामीण और आदिव...
सुप्रीम कोर्ट बोला-महिला आरक्षण तत्काल लागू कराना मुश्किल

सुप्रीम कोर्ट बोला-महिला आरक्षण तत्काल लागू कराना मुश्किल

Breaking News, देश, राजनीति
पहले लोकसभा-विधानसभा में सीटें रिजर्व होंगी; कांग्रेस नेता ने कहा था- रिजर्वेशन के लिए जनगणना जरूरी नहीं   नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र को महिला आरक्षण कानून (नारी शक्ति वंदन अधिनियम) तत्काल लागू करने का आदेश देना मुश्किल है। कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले महिला आरक्षण लागू कराने की मांग की थी। जया ठाकुर ने अपनी याचिका में महिला आरक्षण कानून से उस हिस्से को हटाने की मांग की, जिसमें इसे जनगणना के बाद लागू करने का बात कही गई है। कांग्रेस नेता ने कहा कि पिछड़े वर्गों को आरक्षण देने के लिए जनगणना की जरूरत होती है। महिला आरक्षण में इसकी क्या जरूरत है? जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एस वी एन भट्टी ने इस पर कहा- जनगणना के अलावा भी कई काम है। सबसे पहले लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए सीटें रिजर्व की जाएंगी। बेंच ने इस मामले...
आरक्षण की आगः राजनीति का आत्म समर्पण….?

आरक्षण की आगः राजनीति का आत्म समर्पण….?

राजनीति, विचार
आज देश के बुजुर्गों की सबसे बड़ी चिंता देश की दिशा को लेकर है, वे समझ नहीं पा रहे है कि आज देश के कथित ‘‘भाग्य विधाता’’ (राजनेता) देश को किस दिशा में ले जाने का प्रयास कर रहे है? सच कहूं तो आज की राजनीति से ‘देशप्रेम’ व ‘जनसेवा’ जैसे भावना का लोप ही हो गया और आज की राजनीति ‘स्वार्थ’ और ‘व्यक्ति निष्ठा’ की पर्याय बन गई है, अब राजनीति का सीधा मतलब ‘सत्ता’ से हो गया है, साथ ही आज की राजनीति का मुख्य ध्येय भी। आज के राजनेताओं को न देशहित से अब कोई दूर का सम्बंध रहा और न ही देशवासियों से? हाँँ, पांच वर्षों में एक बार अपनी राजनीतिक स्वार्थ सिद्धी के लिए जनता के पास जाना पड़ता है और वे अपनी स्वार्थ सिद्धी के बाद शिखर तक पहुंचाने वाली सीढ़ियों को तोड़कर फैंक देते है, किंतु हाँँ, वे शिखर तक पहुंचाने वाली नई-नई सीढ़ियों की तलाश अवश्य जारी रखते है, जिससे वे शिखर पर बने रह सकें? फिर वे सीढ़ियाँँ चाहे कितनी ...
जहां कांग्रेस आती है वहां घोटाले होते हैं – जेपी नड्डा

जहां कांग्रेस आती है वहां घोटाले होते हैं – जेपी नड्डा

Breaking News, देश
भोपाल/रीवा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि जहां भी कांग्रेस की सरकारें रही हैं, उन्होंने आपस में लड़ने, बहानेबाजी करने और घोटाले करने के सिवाय कुछ नहीं किया। जो कमलनाथ 15 महीनों की सरकार में मुख्यमंत्री रहे, उनके रिश्तेदारों के करोड़ों रुपए के घोटाले पकड़े गए या नहीं? उनके ओएसडी के घर से करोड़ों रुपये बरामद हुए या नहीं? मतलब साफ है, जहां कमल खिलता है, वहां विकास होता है। जहां कांग्रेस आती है वहां घोटाला होता है। इसलिए आप सभी विकास के लिए भारतीय जनता पार्टी को अपना आशीर्वाद दें। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा शुक्रवार को रीवा जिले के सिरमौर में विधानसभा प्रत्याशी दिव्यराज सिंह के समर्थन में सभा को संबोधित कर रहे थे। श्री नड्डा ने कहा कि आने वाला चुनाव जीत-हार का चुनाव नहीं है। ये विधायक बनाने का चुनाव भी नहीं है। ये आपके हितों का चुनाव है। इस चुनाव में आपको इस बात क...
ग्रामीणों ने बेरमो के वन क्षेत्र पदाधिकारी को दी लिखित शिकायत 

ग्रामीणों ने बेरमो के वन क्षेत्र पदाधिकारी को दी लिखित शिकायत 

Breaking News, आदिवासी, झारखण्ड, राजनीति
बोकारो थर्मल ः बोकारो थर्मल थाना क्षेत्र अंतर्गत नया बस्ती के ग्रामीणों ने बेरमो के वन क्षेत्र पदाधिकारी को बोकारो थर्मल-नया बस्ती मेन रोड के किनारे दायीं ओर वन भूमि पर जमीन पर कब्जा कर आवास बनाने को लेकर लिखित शिकायत की है। शिकायती पत्र की प्रतिलिपि बोकारो डीसी, बोकारो के वन प्रमंडल पदाधिकारी तथा बोकारो थर्मल थाना प्रभारी को दी गई है। ग्रामीणों का कहना है कि लिखित शिकायत के बाद भी वन क्षेत्र पदाधिकारी ने उक्त स्थल पर आकर जांच करना गंवारा नहीं समझा। नया बस्ती एवं गोविंदपुर के ग्रामीणों में से रोशन लाल यादव, लाल मोहम्मद, मनोज कुमार यादव, दिलीप यादव,पिंटू यादव आदि ने बेरमो के वन क्षेत्र पदाधिकारी को हस्ताक्षरयुक्त पत्र में लिखा है कि नया बस्ती से सीसीएल काॅलोनी गोविंदपुर काॅलोनी के बीच सड़क किनारे वन भूमि की जमीन पर कुछ लोगों के द्वारा अवैध कब्जा किया जा रहा है। अवैध कब्जा के क्रम में...
मोर्चा ने किया गेट में ताला बंदी का प्रयास, 28 को होगी त्रिपक्षीय वार्ता

मोर्चा ने किया गेट में ताला बंदी का प्रयास, 28 को होगी त्रिपक्षीय वार्ता

Breaking News, आदिवासी, झारखण्ड
बोकारो ः पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत झारखण्ड आंदोलनकारी युवा मोर्चा ने शुक्रवार को नियोजन, मुआवजा व भूमि वापसी की मांग को लेकर बीएसएल के टीसी गेट में तालाबंदी आंदोलन किया, जिसमें काफी संख्या में विस्थापित पहुंचे। लगभग तीन घंटे नारेबाजी और सभा करने के बाद रैयतों की वार्ता चास अंचल के सीओ दिवाकर दुबे के साथ हुई, जिसमें दुबे ने आगामी 28 नवंबर को प्रबंधन के साथ त्रिपक्षीय वार्ता कराने की बात कही। मोर्चा अध्यक्ष ललित नारायण ने बताया कि प्लांट प्रबंधन विस्थापितों को नियोजन देने की बात तो करता है, लेकिन फिर चिर निद्रा में सो जाता है। बीएसएल का एसएमएस तीन और बाउंड्री रैयतों की जमीन पर बना है, जिसका आज तक मुआवजा आदि कुछ नहीं मिला है। सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट ने भी रैयतों के हित में फैसला सुनाया है। उसके बाद भी प्रबंधन चुप्पी साधे हुए है। कहा कि आगामी वार्ता सफल नहीं हुई तो रैयत बाउंड्री...
बोकारो में रीसेंट ट्रेंड्स ऑफ इंजीनियरिंग, साइंस एंड मैनेजमेंट पर राष्ट्रीय सेमिनार का शुभारंभ

बोकारो में रीसेंट ट्रेंड्स ऑफ इंजीनियरिंग, साइंस एंड मैनेजमेंट पर राष्ट्रीय सेमिनार का शुभारंभ

Breaking News, झारखण्ड
बोकारो ः गुरु गोबिंद सिंह एजुकेशनल सोसायटीज़ टेक्निकल कैंपस इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेज, बोकारो में दो-दिवसीय द्वितीय, नेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन रीसेंट ट्रेंड्स ऑफ इंजीनियरिंग, साइंस एंड मैनेजमेंट 2023 का उद्घाटन समारोह कॉलेज के गुरु तेग बहादुर ऑडिटोरियम में संपन्न हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि झारखंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी, रांची के कुलपति डॉ. डी.के. सिंह तथा विशिष्ट अतिथि उच्च एवं तकनीकी शिक्षा, झारखंड सरकार के विशेष सचिव ए.के.सिंह (भा.प्र.से.) व अन्य अतिथि सी.डी.ओ., ई.एस.एल.- वेदान्ता श्रीमती नीलिमा शर्मा, सिम्फर धनबाद के सुधीर कुमार कश्यप तथा सरकारी पॉलिटेक्निक, खुटरी के प्रिंसिपल डॉ. मदन मोहन महतो थे। कुलपति का स्वागत जीजीपीएस चास के स्कूल बैंड ने किया। सत्र का शुभारंभ अतिथियों को शॉल, स्मृति चिन्ह व गुलदस्ता प्रदान करने तथा दीप-प्रज्वलन से हुआ। इसके बाद जीजीपीएस सेक्टर- 5 की छ...